सीएम गहलोत ने दिखाई सख्ती, प्रभारी सचिवों से योजनाओं का प्रगति का लेंगे फीडबैक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सख्त निर्देश के बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने आईएएस अधिकारीयों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। जिन आईएएस अधिकारीयों को जिला प्रभारी सचिव बनाया गया है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सख्त निर्देश के बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने आईएएस अधिकारीयों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। जिन आईएएस अधिकारीयों को जिला प्रभारी सचिव बनाया गया है उन्हें सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत सरकार ने एक परिपत्र जारी कर योजनाओं की वस्तुस्तिथि के बारे में विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि राजीव गाँधी जल संचय योजना और शौचालय के निर्माण व भुगतान की विशेष व्यवस्था की जाए। सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण की विशेष समीक्षा की जाए। इन परिसरों के संचालन व रखरखाव की प्रगति की भी समीक्षा के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिला प्रभारी सचिवों के गाँवों में ओडीएफ प्लस विकसित किये जाने की प्रगति रिपोर्ट भी तालाब की है। माना जा रहा है कि जिला प्रभारी सचिवों के जमीनी हकीकत की जानकारी लेने के बाद सीएम गहलोत जिला प्रभारी सचिवों से राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति का फीडबैक लेंगे।
सीएम गहलोत ने जताई थी नाराजगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों की वीसी में प्रभारी सचिवों की ओर से जिला का नियमित दौरा नहीं करने पर नाराजगी जताई थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को प्रभारी सचिवों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए थे। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान संपर्क पोर्टल 181 में दर्ज शिकायतों का निस्तार समय पर नहीं होने पर आईएएस अफसरों को सख्त हिदायत दी थी। इससे पहले कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाता चुके हैं। उल्लेखनीय है राजस्थान में प्रभारी सचिवों को जिलों के दौरे के दौरान प्रभार वाले जिले में रात्रि विश्राम भी करना होता है। इसके आदेश 2016 में ही जारी हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रभारी सचिव इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं।
सचिवालय में चलता है दिनभर बैठकों का दौर
राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने पर जिला प्रभारी सचिवों ने अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा किया था। वे सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच प्रसारित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि सरकार की योजनाओं का लाभ आमजन को मिले अधिक से अधिक समस्याओं का समाधान समय पर हो। सरकार के तीन साल पुरे होने के बाद सरकार में बैठकों का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य सचिवालय में दिनभर विभागि अफ़सरों के साथ बैठक करते हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को गति देने और क्रियान्वन में तेजी लाने के लिए निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। मुख्य सचिव इन बैठकों में योजनाओं का कितना लाभ जनता को मिल रहा है इसकी जानकारी विभागीय अफसरों से ले रहे हैं।