सुप्रीम हॉस्पिटल में मनाया गया राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस, चिकित्सकों को किया सम्मानित
फरीदाबाद, 30 जून। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की पूर्व संध्या पर वीरवार को चार्मवुड विलेज सूरजकुंड रोड स्थित सुप्रीम हॉस्पिटल में विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस-2022 की थीम ‘फ्रंट लाइन पर पारिवारिक डॉक्टर’ है। इस अवसर पर अस्पताल के सभी डॉक्टर्स को माला पहनाकर व प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए सुप्रीम हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रेम सिंह राणा ने कहा कि नर सेवा का नारायण सेवा मानकर जो कार्य करे वही सच्चा डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जो सेवाएं दी है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने कहा कि देशभर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा पहली जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। यह दिवस बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और प्रण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है। उन्होंने लोगों के लिए अपने जीवन का योगदान दिया, कई लोगों का इलाज किया और लाखों लोगों को प्रेरित किया। इसके अलावा, वह महात्मा गांधी के निजी चिकित्सक भी थे। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि यह दिवस पहली बार वर्ष 1991 में डॉ. बी.सी. रॉय के सम्मान में मानवता की सेवा में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया गया। डॉ. रॉय एक महान डॉक्टर थे, जिन्होंने मेडिकल क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया। उनका जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और इसी तारीख को 1962 में उनकी मृत्यु हो गई थी। डॉ. रॉय को 4 फरवरी, 1961 को भारत रत्न के सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
वहीं अस्पताल के वाइस चेयरमैन युवराज दिग्विजय सिंह राणा ने कहा कि जिस तरह एक सैनिक देश की रक्षा करता है, उसी तरह डॉकटर हमारे स्वास्थ की रक्षा करता है। डॉक्टरों को हमारे समाज में एक उच्च दर्जा दिया गया है। उन्हें जीवन उद्धारकर्ता माना जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस जीवन की सेवा में डॉक्टरों की भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति ध्यान देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन उनके कार्यों और दायित्वों को पहचानने के लिए माना जाता है। हमारे डॉक्टर सप्ताह के सात दिन 24 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचाने का कार्य करते हैं। चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना जिस नेक भावना और समर्पण से कार्य करते हैं, आज उन्हें सलाम करने का समय है।