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700 स्थानों पर सीवर के मैनहोल खुले होने से हादसे का खतरा

बीते ढाई साल से नगर निगम के स्टोर में सीवर मैनहोल के ढक्कन नहीं हैं। जहां से शिकायत बार-बार आती है, वहां के लिए तुरंत खरीदारी करके ढक्कन लगा दिया जाता है। जबकि इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारी भी करीब दो हजार ढक्कनों की मांग कर चुके हैं।

फरीदाबाद। बीते सप्ताह सीवर के खुले मैनहोल में गिरकर एक बैंक कर्मी की मौत और अलग-अलग इलाकों में सीवर के खुले मैनहोल में बेसहारा पशुओं के लगातार गिरने जैसी घटनाओं के बाद भी नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सीवर के खुले मैनहोल में ढक्कन नहीं लगा सका है।

बीते चार महीने में नगर निगम में सीवर ढक्कन के लिए करीब 1025 शिकायतें आई हैं। जबकि इनमें से करीब 323 ढक्कन ही विभिन्न इलाकों में लगाए गए हैं। ऐसे में स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के अलग-अलग इलाकों में करीब 700 खुले सीवर मैनहोल हादसों को दावत दे रहे हैं। इन पर या तो ढक्कन नहीं है या फिर ढक्कन टूटे हुए हैं। जो दुर्घटना का सबब बने हुए हैं। लोग बामुश्किल इन खतरों से बचते हुए जीने को मजबूर हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में सीवर के मैनहोल पर ढक्कन नहीं होने के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। मुख्य सड़कें हो या फिर रिहायशी इलाकों की गलिया। हर दूसरी तीसरी सड़क पर मैनहोल का ढक्कन टूटा हुआ मिलता है।

लोगों ने स्वयं बंद किए मैनहोल

कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों ने खुले मैनहोल को स्वयं ही ईंटो या अन्य वैकल्पिक चीजों से बंद कर लिया है। या फिर बाजार से खरीदारी करके ढक्कन लगा लिए। कॉलोनियों में भी सीवर लाइन करीब 12 फुट गहरी है और सफाई नहीं होने के कारण अधिकांशत: उफनती रहती हैं। इनमें दोपहिया, तिपहिया के फंसने के मामले होते रहते हैं। इन दिक्कतों से बचने को लोग एकत्रित होकर ढक्कन की व्यवस्था स्वयं कर लेते हैं। एनएच-दो के विनोद भाटिया का कहना है कि उनके इलाके की सड़क पर कई इलाकों से यातायात गुजरता है। जिसके कारण ढक्कन जल्दी टूट जाते हैं। नगर निगम जल्दी से ढक्कन बदलता नहीं है। ऐसे में स्वयं ही बाजार में खरीदारी करके बदल देते हैं।

बाजार भाव और नगर निगम के भाव में अंतर होने के कारण नहीं होती खरीद

नगर निगम सूत्रों के मुताबिक आर्थिक तंगी के कारण निविदांए कोई कंपनी लेती नहीं है, कई बार ढक्कनों के लिए निविदाए जारी हो चुकी हैं। खुले बाजार में 2000 से 2400 रुपये की कीमत में एक ढक्कन मिलता है। जबकि नगर निगम में इसकी कीमत 1200 रुपये तय है। इसलिए अपनी जेब से खरीदारी करके कौन ढक्कन लगाए। ऐसे में आम लोग ही बाजार से ढक्कन खरीदकर लगा लेते हैं।

पुलिस आयुक्त ने निगमायुक्त को लिखा पत्र

पुलिस आयुक्त ने बीते दिनों नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है कि सीवर के खुले मैनहोल पर जल्द से जल्द ढक्कन लगवाए जाएं। ताकि यातायात व्यवस्था बाधित नहीं हो। सड़क पर खुला मैनहोल यातयात व्यवस्था बाधित होती है। कई रिहायशी इलाकों में खुले सीवर के मैनहोल में पशुओ और लोगों के गिरने की घटनाए होती है, तो पुलिस कर्मी को अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ती है।

बीते ढाई साल से नहीं है नगर निगम में सीवर के ढक्कन

बीते ढाई साल से नगर निगम के स्टोर में सीवर मैनहोल के ढक्कन नहीं हैं। जहां से शिकायत बार-बार आती है, वहां के लिए तुरंत खरीदारी करके ढक्कन लगा दिया जाता है। जबकि इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारी भी करीब दो हजार ढक्कनों की मांग कर चुके हैं। इसके लिए नगर निगम कई बार निविदाएं जारी कर चुका है। लेकिन कोई कंपनी या ठेकेदार नगर निगम का ये काम करने को तैयार नहीं है। दरअसल, नगर निगम की खराब आर्थिक स्थिति के चलते कोई कंपनी या ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है।

मानवाधिकार आयोग कई मामलों में कर चुका नगर निगम को दंडित

हरियाणा मानवाधिकार आयोग नगर निगम को कई मामलों में दंडित कर चुका है। बीते वर्ष आयोग ने एक मामले में नगर निगम पर करीब 10 लाख रुपये जुर्माना कर किया था। यह मामला भी खुले मैनहोल का था। वर्ष 2018 में पल्ला इलाके में एक खुले मैनहोल में एक महिला गिर गई थी, उसे बचाने के लिए एक

वार्ड-13 में 15 सीवर के ढक्कन चाहिए

समाजसेवी भारत अशोक अरोड़ा ने कहा कि वार्ड 13 में करीब 15 सीवर मैनहोल के ढक्कन तुरंत चाहिए। इनमें अधिकांश के ढक्कन टूटे हुए हैं या फिर चोरी हो गए हैं। उन्होंने 15 सीवर के ढक्कन लगवाने के लिए एक ज्ञापन निगमायुक्त को सौंपा है। उन्होंने खुले सीवर की लोकेशन भी दी है और ढक्कन लगवाने की अपील की है।

हरियाणा विधानसभा में उठाया बीते साल सीवर ढक्कन का मामला

विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद में सीवरेज ढक्कन नहीं होने का मामला हरियाणा विधानसभा में उठाया। नगर निगम में बीते ढाई साल से सीवर के ढक्कन तक नहीं है। उन्होंने ढक्कन के मामले को सेवा अधिकार अधिनियम के तहत करने की मांग की। इस संबंध में विधायक ने कहा कि सीवरके मैनहोल पर ढक्कन को सेवा का अधिकार कानून के तहत सरकार करने वाली है। इससे संबंधित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय होगी।

निगम क्षेत्र के बजाए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मैनहोल अधिक खुले हुए हैं। फिर भी हम अपने स्तर पर बदलवा रहे हैं। ढक्कन खरीदने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही टूटे ढक्कन बदल दिए जाएंगे और जहां नहीं है वहां लगवा दिए जाएंगे।

-ओमवीर सिंह, अधीक्षक अभियंता, नगर निगम

News Credit: Hindustan

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