तेरा मेरा साथ रहे ना तुझसे पहले हो , ना ही तेरे बाद हो , जब हो जिक्र मेरा , बस तेरे ही साथ हो।
जिस्म की गर्माहट , जब मंद होने लगे , जिंदगी का दरवाजा भी, धीरे धीरे बंद होने लगे , मेरी रूह को तेरा , और तेरी रूह को बस मेरा ही एहसास हो।
चेहरे पर उभरती झुर्रियां , हाथों की लकीरो से गहरी होने लगे , जब हर ढलते सूरज के साथ , जिंदगी मौत की प्रहरी होने लगे , उस पल में , मेरे हाथों में , बस तेरा ही हाथ हो।
जब जिस्म हमारे थकने लगे , पैर भी चलते चलते रुकने लगे , वक़्त के साथ साथ , हम तुम भी बीतने लगे , उन क्षणों में , मेरे हर एक पल पर , बस तेरे पलों की छाप हो।