Ukraine Russia Conflict: यूक्रेन पर पुतिन के कदम से तैश में आया अमेरिका, सीधे तौर पर लिया ये एक्शन
रूस द्वारा यूक्रेन के दो इलाकों को अलग देश के तौर पर मान्यता देने की घोषणा के बाद अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपित जो बाइडेन ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए. इसमें दोनों क्षेत्रों के साथ निवेश, व्यापार आदि न करने की बात कही गई है.
वाशिंगटनः यूक्रेन और रूस गतिरोध बरकरार है. हालांकि, दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इस बीच रूस ने पूर्वी यूक्रेन के दो गणराज्यों डोनेत्स्क और लुहांस्क को नए देश होने की मान्यता दे दी है. इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. ऐसे में अमेरिका ने इन दोनों क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपतिन जो बाइडेन ने प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए.
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का किया उल्लंघन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने के लिए कई तरह मिलने वाले फायदों से वंचित करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही यूक्रेन सहित अन्य सहयोगियों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं.
नहीं होगा निवेश व व्यापार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने डोनेत्स्क और लुहांस्क पर जिन प्रतिबंधों को लगाया है. उसमें अमेरिकी लोगों द्वारा इन इलाकों पर किसी भी तरह का निवेश, व्यापार आदि नहीं किया जाएगा. बाइडेन ने कहा कि रूस ने मिन्स्क समझौते का उल्लंघन किया है. इससे यूक्रेन की शांति, स्थिरता और वहां की परंपराओं के लिए खतरा पैदा हो गया है. वहीं, रूस के इस कदम से अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हो गया है.
अमेरिका ने की थी प्रतिबंध लगाने की घोषणा
अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि US और उसके सहयोगियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बैठक करने के लिए आग्रह भी किया था. रूस द्वारा यूक्रेन के दो इलाकों को नए देश के तौर पर मान्यता देने की घोषणा के बाद अमेरिका ने कहा था कि वह यूक्रेन से अलग हुए इन दोनों क्षेत्रों पर कड़े प्रतिबंध लगाएगा. अमेरिका ने डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित करने की रूस की फैसले की कड़ी आलोचना भी की थी.
यूक्रेन की अखंडता के लिए पैदा हुआ खतरा
संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि यूक्रेन के जिन 2 क्षेत्रों को अलग देशों के रूप में मान्यता दी गई है, उस इलाके को रूस द्वारा कंट्रोल किया जाता है. रूस के इस कदम से यूक्रेन की अखंडता के लिए खतरा पैदा हो गया है. अमेरिका यूक्रेन द्वारा UNSC की बैठक बुलाए जाने की मांग का समर्थन करता है. उम्मीद है कि UNSC रूस से यूक्रेन को रिसपेक्ट दिए जाने की मांग करेगा. उन्होंने कहा कि रूस की यह कार्रवाई मिन्स्क समझौते और UNSC के 2015 में हुए संकल्प का उल्लंघन है.
विश्व युद्ध की तरह है रूस का कदम
उन्होंने रूस की इस घोषणा की निंदा की और इसे खतरा करार दिया. UN का हर सदस्य देश यह सोच रहा है कि अब आगे क्या होगा. रूस का यह कदम प्रथम विश्व युद्ध के समय लिए गए एक अंतरराष्ट्रीय फैसले की तरह है. हम सभी इस समय यूक्रेन के साथ खड़े हैं.
अमेरिका हालात पर रख रहा बारीकी से नजर
बता दें कि रूस द्वारा डोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता दिए जाने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी फौज को इन इलाकों में भेजने की घोषणा की है. वहीं, अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगले कुछ घंटों या दिन में ये लोग क्या कदम उठाते हैं, इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. इसके बाद ही अपनी आगे की प्रतिक्रिया देंगे. रूस अपनी वहां फौज भेज रहा है, यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि उनकी फौज उन इलाकों की सीमा पर पिछले 8 साल से तैनात है.
News Source: Zee News